सन्तान यदि पैदा ही ना हो तो लोग सन्तान के अभाव के कारन दुखी रहते है ,सन्तान यदि पैदा होकर मर जाता है तो ज्यादा दुखी हो जाते है ,पर सबसे ज्यादा दुखी तब होते है जब बहुत दुख से व प्यार से पाली हुइ सन्तान अवग्याकारी ,मुर्ख और नालायक हो जाता है क्योकि मरे हुए क दुख तो कुछ समय के बाद खत्म हो जाता है पर नालायक तो कदम-कदम पर दुखी करता रहता है ऐसी सन्तान युवा और सुन्दर होकर भी बिना सुगन्ध के फूल जैसा बेकार होता है जो दिखता तो सुन्दर है पर सुगन्ध नही देता है
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